न्याय चौपाल, फरीदाबाद एवं गुरुग्राम इकाई की संयुक्त बैठक संपन्न
न्याय चौपाल, फरीदाबाद एवं गुरुग्राम इकाई की संयुक्त बैठक 24 जून, 2022 को ऑनलाइन माध्यम (ज़ूम) से आयोजित हुई। इस बैठक में न्याय चौपाल के राष्ट्रीय महासचिव श्री गोविन्द गोयल विशेष रूप से उपस्थित थे। बैठक का संचालन श्री राजकुमार अग्रवाल ने किया। इसके साथ ही इस बैठक में श्री जे.एल. द्विवेदी, श्री सुनील सिन्हा, श्री जे.पी. शर्मा, श्रीमती अदिति चौधरी, श्री अजय बनारसीदास गुप्ता, डॉ. एन.सी. वाधवा, श्री आशुतोष गर्ग, श्री मोहिन्दर कुमार, आईएएस (से.नि.), श्रीमती रुचि सक्सेना, श्री गंगा शंकर मिश्र, श्री सुरेन्द्र शर्मा, डॉ. मुक्ता गुप्ता, श्रीमती विजयाजी, श्री सुभाष गोयल एवं श्री आर.के. केसवानिया सहित अनेक प्रतिनिधि उपस्थित थे।
बैठक में अपने विचार रखते हुए श्री गंगा शंकर मिश्र ने कहा कि न्याय चौपाल का काम करते हुए हमें अच्छे परिणाम मिले हैं। हम कोर्ट के बाहर विवाद सरलता से सुलझा सकते हैं। हमें बिगड़ते वातावरण को ठीक करना है। नैतिक समाज को पुष्ट करना है। अभी वैवाहिक विवाद के केसेज अधिक आ रहे हैं। ध्यान में आया है कि अधिकांशत: अहंकार के चलते दूरियां बढ़ जाती हैं। श्री मिश्र ने प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि हम न्याय चौपाल की टीम सशक्त करें। इसे मिशन के रूप में लें। सामाजिक सरोकार के नाते कुछ समय निकालें और विवादों का समाधान करें। उन्होंने कुछ विवादों के समाधान को लेकर किए जा रहे प्रयासों के बारे में बताया।
डॉ. एन.सी. वाधवा ने कहा कि वर्तमान में वैवाहिक केस अधिक आ रहे हैं। श्री जे.पी. शर्मा ने इस बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि सभी क्षेत्रों से केस आएं। प्रॉपर्टी केस, क्रिमिनल केस, चेक बाउन्स के केसेज बढ़ रहे हैं, इस पर ध्यान देना होगा।
डॉ जे.एल. द्ववेदी ने कहा कि विवाद के समाधान के बाद भी हम उस मामले में नजर बनाए रखें।
न्याय चौपाल के राष्ट्रीय महासचिव श्री गोविन्द गोयल ने कहा कि न्याय चौपाल के माध्यम से हम अनेक वर्षों से प्रयासरत हैं। कुछ-कुछ सफलता मिली है। हमें विवाद को चिन्हित करना है और फिर उसका समाधान। हमें लीगल सर्विस अथॉरिटी, आरडब्ल्यूए से मिलकर केस के बारे में जानकारी प्राप्त करनी चाहिए। प्रयास यह हो कि कोर्ट-कचहरी के बाहर आपस में संतोषजनक समझौता-समाधान हो जाए। दोनों पार्टीज के बीच संवाद उत्पन्न करें। क्योंकि कोर्ट में चले गए तो संवाद खत्म हो जाता है। उन्होंने कहा कि विवाद-समाधान की प्रकिया लंबी होती है। अत: धैर्य बनाए रखें।
श्री गोयल ने न्याय चौपाल को सशक्त करने के लिए निरंतरता पर बल दिया और कहा कि साप्ताहिक-पाक्षिक-मासिक मिलन होते रहना चाहिए। फिजिकल बैठकें भी आयोजित हों। जिन विवादों के समाधान हुए, उनके दस्तावेज बनाएं।