न्याय चौपाल, फरीदाबाद इकाई की बैठक आयोजित
न्याय चौपाल, फरीदाबाद इकाई की मासिक बैठक 19 मई, 2023 को ऑनलाइन (जूम) के माध्यम से संपन्न हुई। इस बैठक में न्याय चौपाल के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष श्री प्रमोद कोहली, न्याय चौपाल के राष्ट्रीय महासचिव श्री गोविन्द गोयल, श्री गंगाशंकर मिश्र, श्री आर.के. केशवानिया, श्री राजकुमार अग्रवाल, श्री संदीप मित्तल, श्री आशुतोष गर्ग, डॉ. मुक्ता गुप्ता एवं श्री बृजमोहन उपस्थित थे।
बैठक में अपने विचार रखते हुए श्री गंगाशंकर मिश्र ने कहा कि अपने कार्य को चलते हुए काफी लंबा समय हो गया है। यह कार्य विधि-विधान से चले, इसकी सबसे अपेक्षा है। अपनी इकाई में केस लेनेवाली टीम हो, केस का समाधान करनेवाली टीम हो और पूरी प्रक्रिया का डॉक्यूमेंटेशन हो। डॉक्यूमेंटेशन उतना ही जरूरी है, जितना विवादों का समाधान।
श्री मिश्र ने कहा कि बैठक आयोजित करने की अपनी एक पद्धति है। बैठक से पूर्व तीन-चार प्रमुख लोगों से चर्चा कर लें। बैठक एक सप्ताह पूर्व तय करें। विधिवत सूचना दें। सूचना हम वॉट्सएप संदेश के माध्यम से देते हैं। इसके साथ ही, कॉल करके सूचना अवश्य दें। सूचना में कार्य-सूची भी होनी चाहिए। कौन क्या करेगा, इसके लिए बैठक से पूर्व ही कार्य-विभाजन हो। गत बैठक के बाद हुए डेवलपमेंट पर चर्चा करें। कार्यपद्धति पर चर्चा हो।
उन्होंने कहा कि अपनी टीम बढ़ानी है, क्योंकि टीम नहीं बढ़ेगी तो हमारा कार्य-विस्तार नहीं होगा। प्रत्येक केस के लिए दो-दो लोगों की टीम हो।
न्याय चौपाल के राष्ट्रीय महासचिव श्री गोविन्द गोयल ने कहा कि बैठक आयोजन को लेकर गंगाशंकरजी ने अपने विचार रखे हैं। बैठक समय पर प्रारंभ हो, इसका प्रयास करें। दस मिनट पहले सब जुड़ें। ऑनलाइन बैठक में विविधता लाने के लिए न्याय चौपाल का बैनर लगा सकते हैं।
श्री गोयल ने कहा कि न्याय चौपाल के प्रचार-प्रसार की दृष्टि से ‘सामाजिक कार्यक्रम’ आयोजित करने की योजना बना सकते हैं। इसमें आरडब्ल्यूए, पंच—सरपंच—नंबरदार, सामाजिक संगठन, स्थानीय संगठन, मध्यस्थता केंद्र आदि संस्थाओं के प्रतिनिधियों को आमंत्रित कर सकते हैं। इस कार्यक्रम में हम उन्हें न्याय चौपाल के बारे में जानकारी दे सकते हैं। समाज में न्याय चौपाल की पर्याप्त जानकारी होने से हमें केस भी मिल सकते हैं।
उन्होंने कहा कि पिछली बैठक में प्रवास को लेकर चर्चा हुई थी। प्रत्येक इकाई में प्रवासी कार्यकर्ता हों, जो दूसरी इकाई में जाकर अपने अनुभवों की जानकारी दे सकते हैं। परस्पर ऐसा होने से हर इकाई को लाभ होगा।
उन्होंने कहा कि ऑनलाइन बैठक में विशेष तौर पर अन्य इकाइयों से अनुभवी सदस्यों को विशेषतः आमंत्रित करने से बैठक की गुणवत्ता बढ़ाई जा सकती है। वे सदस्य अपने व अपनी ईकाई की कार्य-प्रणाली सम्बन्धित जानकारी देकर प्रेरक सिद्ध हो सकते हैं। इसी प्रकार उन सदस्यों को भी बैठक की चर्चा से नए अनुभव सीखने को मिल सकते हैं और इनसे उनकी ईकाई लाभान्वित हो सकती है। इस प्रकार दोनों और से संगठन के कार्य को लाभ होगा।
उन्होंने कहा कि पिछले जून से अभी तक 68 विवादों के समाधान हुए हैं। इन सबको संकलित करते हुए एक पुस्तिका बन रही है, जिसमें संगठनात्मक गतिविधियां और चित्र आदि भी शामिल किए जा रहे हैं।
बैठक में श्री आर.के. केशवानिया ने तीन विवादों एवं श्री बृजमोहन ने एक विवाद के समाधान को लेकर किए जा रहे प्रयासों के बारे में बताया।
इस बैठक में श्री आशुतोष गर्ग एवं श्री राजकुमार अग्रवाल ने भी अपने विचार रखे। बैठक का संचालन श्री संदीप मित्तल ने किया।