न्याय चौपाल की केंद्रीय बैठक संपन्न
न्याय चौपाल की केंद्रीय बैठक 12 जुलाई, 2022 को ऑनलाइन माध्यम (जूम) से आयोजित हुई। इस बैठक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सहसरकार्यवाह डॉ. कृष्णगोपालजी की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। इसके साथ ही इस बैठक में न्याय चौपाल के राष्ट्रीय महासचिव श्री गोविन्द गोयल, जस्टिस श्री प्रमोद कोहली, श्री गंगाशंकर मिश्र, श्री आर.के. केसवानिया, डॉ. वीरेन्दर परशाद, डॉ. जे.एल. द्विवेदी, श्री निशिकांत चौधरी, श्री सतीन्दर सिंह महेश, श्री रामलाल बोरार, श्री कुन्दन बैरवा, श्री संदीप मित्तल, श्री संतोष तिवारी, प्रो. जे.पी. यादव, डॉ. एन.सी. वाधवा, प्रो. संजय शर्मा, श्रीमती रुचि सक्सेना, श्री संजीव लखनपाल, श्री प्रदीप शर्मा एवं श्रीमती अनुपमा गोयल उपस्थित थे। बैठक का संचालन श्री राजकुमार अग्रवाल ने किया।
इस बैठक में न्याय चौपाल के पूर्व अध्यक्ष एवं सर्वोच्च न्यायाल के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस श्री आर.सी. लाहोटी के निधन पर दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।
बैठक में श्री गंगाशंकर मिश्र ने न्याय चौपाल की इकाइयों की सक्रियता एवं कार्यपद्धति के बारे में बताया।
न्याय चौपाल की विभिन्न इकाइयों के कार्यकर्ताओं- श्री आर.के. केसवानिया (फरीदाबाद), श्री प्रदीप शर्मा, डॉ. एन.सी. वाधवा (गुरुग्राम), श्री निशिकांत चौधरी (मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र), श्री कुन्दन बैरवा (चंडीगढ़), श्री संतोष तिवारी (रोहतक) एवं डॉ. जे.एल. द्विवेदी (पंचकूला) ने अपने वक्तव्यों में उदाहरणस्वरूप कुछ विवादों के जो समाधान हुए, उसके बारे में बताया।
इस बैठक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सहसरकार्यवाह डॉ. कृष्णगोपालजी ने कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन किया, जिसके प्रमुख बिंदु निम्नलिखित हैं-
• हरेक केस के बारे में विस्तार से दस्तावेज बनाएं। उसका सारांश भी दें। कोई खास बात है तो उसे डिटेल और सारांश में भी प्रस्तुत करें। हमने इसमें कौन सी नई विधा और पद्धति का उपयोग किया, जिससे कि हमलोग समाधान तक पहुंचे।
• महीने में कोई एक तिथि पक्की करें, एक घंटा के लिए छोटे ग्रुप की बैठक हो।
• किसी भी नए व्यक्ति को न्याय चौपाल के काम में एकदम नहीं जोड़ना। वह संगठन में कुछ दिन कार्य करे, अपने कार्यकर्ताओं की उनसे बात हो जाए तो उन्हें जोड़ना। काम आगे बढ़ाना है लेकिन धैर्य के साथ। तीन-चार कार्यकर्ताओं की सहमति बनने के बाद, फिर किसी को जोड़ना चाहिए।
• कोई भी बात लीक न करें। दोनों पक्षों ने जो भी बातें विश्वासपूर्वक हमें बताईं, उनका वो विश्वास हम पर बना रहे, कॉन्फिडेंस बना रहे, ये सीक्रेसी अपने को मेन्टेन करके चलना है।
• नए-नए केस देश-समाज में बढ़ रहे हैं। उसके कारण तो कुछ-कुछ होते ही हैं, लेकिन बड़ा कारण यह है कि समाज में धीरे-धीरे सहनशक्ति कम होती जा रही है, लोगों का स्वार्थ भी बढ़ रहा है, लोगों में प्रामाणिकता का भी अभाव हो रहा है, ये तीन मुद्दे प्रमुख है। लोभ, लालच, स्वार्थ, अव्यावहारिकता, समझदारी का अभाव, ये विवाद की जड़ में होते हैं।
• दोनों पक्षों के अंदर धीरे-धीरे आध्यात्मिक भाव बढ़ें, जीवन-मूल्य में वृद्धि हों, नैतिकता का स्तर बढ़ें, सहनशक्ति बढ़ें, हम दूसरे के विपरीत स्वभाव को सहन करें, जीवन में प्रामाणिकता का स्तर बढ़ें, इन बातों को धीरे-धीरे दोनों पक्षों को समझाने की कोशिश अपने को करना है, तब वास्तव में स्थायी समाधान की तरफ हम बढ़ेंगे।
• जब आध्यात्मिक भाव बढ़ता है, तो सहनशक्ति बढ़ती है, विनम्रता-शालीनता जैसे गुण अपने आप आते हैं। विविधताओं में भी समन्वय, इस भाव के कारण व्यक्ति दूसरे की गलतियों को क्षमा भी करता है। अच्छे प्रसंग सुनाते हुए उनके अंदर से आध्यात्मिक भाव, सदाशयता का भाव, सहनशीलता का भाव, ये सद्गुण कैसे बढ़ सकते हैं। हम किस पद्धति से अपने इन लोगों के मन में इस आध्यात्मिक भाव को बढ़ा सकते हैं, बढ़ाने का प्रयत्न कर रहे हैं, इसका परिणाम क्या निकल रहा है, कौन सा संस्मरण सुनाएं कि सहनशक्ति, उनका स्वभाव, उनका सद्भाव, ये बढ़ें। इस पर सभी लोग काम करें और अपने-अपने अनुभव को अगली बैठक में साझा करें।
• मन में जो आनेवाला स्वार्थ है, लोभ है, झूठ है, ईषर्या है, द्वेष है, असहनशीलता है, ये कम होते जाए, इसके लिए हम अपने सभी समूहों में क्या कर सकते हैं। सभी समूह जो कोई प्रयोग करते हैं, उसको अगर अगली बैठक में आकर बताएंगे तो सबको एक नया डायरेक्शन मिलेगा।
• केस को सुलझाना यह मैटेरियलिस्टिक (भौतिकतावादी) कार्य नहीं है, इसके पीछे भावना भी होती है। जो किसी कारण से हमारी बात सुनने को, मानने को तैयार हो जाता है, वो जिस कारण से मानता है, वो कहीं न कहीं हमारे अंदर के सद्गुण, सद्वृत्ति, उसके कारण से ऐसा करता है, हम इसी भाव को उनके अंदर भी कैसे ला सकते हैं, जो सदाशयता आपके अंदर है, वो किसी के केस-मुकदमे को हल करने की कोशिश करते हैं, ऐसे ही सद्भाव उनके अंदर कैसे आ सकते हैं, ये सहनशीलता, क्षमा का भाव, धैर्य कैसे आ सकता है, यह प्रयास करना है।
• केसेज वाले बंधुओं के जीवन में, हृदय में, ये आध्यात्मिक भाव कैसे पैदा कर सकते हैं, एक नया डायमेन्शन अपने न्याय चौपाल में बढ़ाना है, जिससे कि दोनों पक्ष सदाशय भाव से, अच्छे आध्यात्मिक भाव से, विनयसंपन्नता के साथ दूसरे को क्षमा करना सीखें, दूसरे के दो सद्गुण देखना सीखें, जो गलती हो गई, उसकी धीरे-धीरे उपेक्षा करना सीखें और समझौते की ओर आगे बढ़ें, तो इनके जीवन में आगे भी विवाद कम होंगे। अन्यथा आज केस यहां करता है, तो कल केस वहां करता है, जीवन में झगड़ा ही झगड़ा चलता रहता है, तो जीवन भी इनका अच्छा शुचितापूर्ण हो जाए, विनम्रतापूर्ण हो जाए, शीलसंपन्न हो जाएं, ये भाव भी रखेंगे, तो एक ओर इस निर्णय की प्रक्रिया में अपने को सफलता मिलेगी और लोगों के स्वभाव में स्थायी परिवर्तन करने की दिशा में हम आगे बढ़ेंगे।
• जैसाकि गंगाशंकर मिश्र जी ने बताया कि हरियाणा में कुल मिलाकर अभी तक 45 ऐसे केस सुलझाए गए हैं, अन्य स्थानों को मिलाकर 119 केसेज आपलोगों ने सुलझाए हैं, इसके लिए आप सबको बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं।
• जल्दी से कार्य आगे बढ़ें, लेकिन इन्हीं स्थानों पर कार्य आगे बढ़ाना है, और स्थान नए बढ़ाना नहीं है, इन्हीं स्थानों पर कार्य गहरा करना है, इन्हीं स्थानों की जो टोली है और अच्छी गंभीरता के साथ काम करें, वो अपने सदस्यों को धीरे-धीरे बहुत सघन निरीक्षण के बाद बढ़ाएं।
• अगले महीने हम सब फिर मिलेंगे।
जस्टिस श्री प्रमोद कोहली ने कहा कि आजकल मेडिएशन ज्यादातर कोर्ट स्पॉन्सर्ड है, कोर्ट से मेडिएशन में केसेज भेज दिए जाते हैं। हर कोर्ट में एक मेडिएशन इंचार्ज जज होता है और डिस्ट्रिक्ट जज भी होता है, हम न्याय चौपाल की तरफ से उनको एक चिट्ठी लिख दें कि हमारी ये संस्था है, हम केस सुलझा रहे हैं और सुलझाने में इंटेरेस्टेड है, हम बिना किसी शुल्क के ये काम स्वैच्छिक रूप से करते हैं, सो केसेज हमारे पास रेफर किए जाएं।
न्याय चौपाल के राष्ट्रीय महासचिव श्री गोविन्द गोयल ने कहा कि जैसा कि कृष्णगोपालजी ने हमें बताया कि लोगों में विवाद न करने की प्रवृत्ति विकसित हो, दोनों पक्षों में आध्यात्मिक भाव उत्पन्न कर समाधान करने की पद्धति विकसित हों, हमलोग इस दिशा में पहल करें। अपने-अपने स्थान पर नए विवाद को टेकअप कर समाधान की ओर बढ़ें। हमलोग मासिक बैठक करें। अंत में उन्होंने इस बैठक में सहभागी हुए सभी कार्यकर्ताओं के प्रति आभार व्यक्त किया।